हंसती हुई जिंदगियां भी यहां रोती हैं।
हर किसी के मुकद्दर में कहां ये खुशियां होती हैं।
देखो कुछ हंसती हुई जिंदगियां भी यहां रोती हैं।।1।।
कभी कभी सब कुछ होकर भी कुछ ना होता है।
जमीं पे जाने कितनी ही जिंदगियां यहां सोती है।।2।।
हर बीजके अंकुर से छांव का दरख़्त ना होता हैं।
बंजर जमीन में खेतों सी हरियाली कहां होती हैं।।3।।
उम्मीद के पंख लगाके हम आसमां में उड़ते रहे।
पर जिंदगी ए तसव्वुर में हकीकत कहां होती हैं।।4।।
तुम्हारी खबर पाने को हम बड़े ही बेताब होते है।
अबतो आ जाओ तुम ये जिंदगी बेवफा होती है।।5।।
कितनी भी हो मुश्किले निजात पा ही जाता हूं।
हरपल सदा मेरे साथ मेरी मां की दुआ होती है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ