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10 Sep 2023 · 1 min read

हंसगति

हंसगति

आया भादो माह, अहा अति पावन।
झुकि-झुकि बरसें मेघ, सरस मनभावन।
बरस रहे घनश्याम, बिजुरिया चमके।
हो प्रमुदित मन-मोर, नाचता जम के।

© सीमा अग्रवाल

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