हंदवाड़ा के वीर सपूतों को नमन
है नमन तुम्हे हे वीर पुरुष भारत का मान बढ़ाया है //
मातृभूमि की गरिमा हित जिसने सर्वस्व चढ़ाया है //
क्या कहना उन हठधर्मी को जो बार बार घुस आते हैं //
हर बार पराजित होते हैं और हर बार मुंह की खाते हैं //
हम भारत मां के शांति पुत्र हमको अशांति मंजूर नहीं //
जिद कर लें तो आतंकी क्या लाहौर कराची दूर नहीं //
हैं धन्य -धन्य वे मात -पिता जिन्होंने ऐसे वीर सपूत दिए //
बलिदान हुए इस धरती पर मर कर भी जो सदा जिए //
पिता को खोया पुत्री ने परिणीता ने पति को खोया //
फिर भी न नयन अश्रु झरे भीतर ही भीतर दिल रोया //
अनुज ,राजेश हे आशुतोष हे दिनेश और योद्धा सगीर //
तुम ही हो सच में राष्ट्र भाल तुम ही हो सच में राष्ट्र वीर //
है नमन तुम्हें इस राष्ट्र का और नमन सभी जन जन का है //
है नमन तुम्हें भारत भूमि के विस्तारित कण कण का है ।।
अशोक सोनी ।