हंगामा क्यों कर रहे हो तुम
छोटी सी बात पर, हंगामा क्यों कर रहे हो तुम
सियासत तुम्हारा ईमान नहीं , फिर क्यों झगड़ रहे हो तुम
कुर्बान हुई जवानियों को, कुछ तो सम्मान दो
राष्ट्र को सर्वोपरि समझो, यूं ही क्यों लड़ रहे हो तुम
पल – पल जिए , पल – पल मरे जो आजादी के लिए
उनकी वीरों की कुर्बानियों को , क्यों लजा रहे हो तुम
भगत सिंग, सुखदेव, बिस्मिल चढ़ गए, फांसी के फंदे पर
उनकी शहादत पर मगरमच्छी आंसू, क्यों बहा रहे हो तुम
महसूस नहीं की तुमने , उन जवां दिलों की धड़कन
क्यों उन वीरों के त्याग को झुठला रहे हो तुम
हंगामा करना हो गयी है तुम्हारी आदत
क्यों एक – दूसरे पर आरोप लगा रहे हो तुम
बात करो देश प्रेम की , बात करो विकास की
क्यों अपना बहुमूल्य समय गँवा रहे हो तुम