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8 Nov 2021 · 1 min read

हँसी

बड़ी मुश्किलों से हँस पाते है लोग,
समझने लगे है लोग,
ये भी एक कला है,,
हँसना हँसाना भी एक कला है.
जो भी खुद पर हँसा,
दिवानी हो गई दुनिया उसकी.
फूल बरसे, घटा छाई,बादल गरजे,
बस ये ऋतु बेमौसमी है.
जब आई जब आई.
गई तब गई
उमंग बडी लाती है.

Language: Hindi
Tag: शेर
2 Likes · 2 Comments · 453 Views
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