…हँसी कहाँ िमलती है…
हाँ, टूटते हुये किनारों से लहरें जहाँ मिलती हैं…
उन बिखरते साहिलों पर राहत कहाँ मिलती है…
विपरीत वक्त में खुदको बदलना चाहता हूँ पर…
इन खामोश लम्हों में मुझे हँसी कहाँ मिलती है…
#जज्बाती…
#rahul_rhs
हाँ, टूटते हुये किनारों से लहरें जहाँ मिलती हैं…
उन बिखरते साहिलों पर राहत कहाँ मिलती है…
विपरीत वक्त में खुदको बदलना चाहता हूँ पर…
इन खामोश लम्हों में मुझे हँसी कहाँ मिलती है…
#जज्बाती…
#rahul_rhs