हँसते -हँसते हार भी, करो यहाँ स्वीकार
हँसते -हँसते हार भी, करो यहाँ स्वीकार
हर गलती है इक सबक, उसमें करो सुधार
उसमें करो सुधार, हौसला मन में रखकर
कहीं न जाना टूट ,कठिन राहों पर चलकर
कहे अर्चना’ बात, न जो संकट से डरते
गहरी नदिया पार , करें वे हँसते- हँसते
डॉ अर्चना गुप्ता
25-09-2022