हँसता डॉलर रोता रुपया .
हँसता डॉलर रोता रुपया . . . . . .
जहाँ मँहगाई और डॉलर ने यूथ का सपना आँखों से थोड़ा दूर कर दिया है।वँही विदेश में हायर स्टडी की इच्छा रखने वाले यूथ के सपने को रुपए में आई भारी गिरावट ने चकनाचूर कर दिया है।
सर्वे भवन्तु सुखिन कैसे रहूँ मैं दुखी न?
हँसता है देखो डॉलर कुछ बाकी नहीं है रुपएए में
एक सवाल है मेरे मन में– क्या भारतीयों का फॉरेन कंट्रीज़ में पढ़ना मौज़ूदा कंडीशन में सही रहेगा?
समझ में नहीं आता कि डॉलर से रेस में गिरती फ्लक्चुएशन Ê बेचारा रुपया कैसे सहेगा?
जब से बढ़ गया विदेशों में लिविंग एक्सपेंस हैÊ विदेश में पढ़ना एक्साइटिड कम ज़्यादा सस्पेंस है।
अब नहीं है कोई ऑप्शन उछला डॉलर मँहगा टॉनिक पीकरÊरुपये को साइडइफेक्ट दे गया करप्शन।
है लोन बना मुसीबत फाइनेंशियल इश्यूज़ से मुश्किल है करना कोप–अप।
मिलती नहीं अब फुल स्कॉलरशिप यूके में वीज़ा भी हुए रिस्ट्रिक्शंस।
बढ़ गया है फाइनेंशियल बर्डनÊकंपनीज़ में भी बढ़ी कॉस्ट कटिंग ।
नीलम शर्मा