काश!
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
*** " बरसात के मौसम में........!!! " ***
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
#प्राण ! #तुम बिन. . .!
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
मां
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
आत्मविश्वास
Anamika Tiwari 'annpurna '
जनवासा अब है कहाँ,अब है कहाँ बरात (कुंडलिया)
हाथ में कलम और मन में ख्याल
स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
देव उठनी
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
काश!
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
When you strongly want to do something, you will find a way