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13 Aug 2021 · 1 min read

स्वीकारना

प्रतिपल आनंद गौरव के साथ दिए जाएं
मेरे साथ ही ऐसा क्यूं, कभी ना सोचे जाएं
रोजमर्रा की जिंदगी, उलझनों में ना बताएं
जीवन में समय संयोग में, बनती रहती घटनाएं
मन मस्तिष्क में उमड़ती घुमड़ती, रहेंगी समस्याएं
अंततः दुख हताशा निराशा का ,सबब ना बन जाएं
जीवन कोई दुकान नहीं ,कि मनपसंद चीज खरीद लाएं
दुखी होने के बजाय ,हालात को स्वीकार किए जाएं
सांप सीढ़ी सा है जीवन ,जिसे हंसकर खेले जाएं
पासा पर आए अंक से सीढ़ी आए, या सांप के फन आएं
किसी के स्वभाव व आने वाली, परिस्थितियां ना बदली जाएं
अच्छा होगा स्वयं बदल कर, सब स्वीकार किए जाएं
मां बाप की मान्यता से ,नाम रखा कालू लेकिन!
स्वीकार भाव में हंसते हुए, सब ताने मजाक छुप जाएं
रोजमर्रा के जीवन में ,आने वाले हालातों पर ना जाएं
जीवन के पल पड़ाव में जाना ,स्वीकार भाव में नहीं समस्याएं
कैकई के वर राम वन को ,व भरत राजा बन जाएं
आनंदित रामचंद्र सुनकर वचन, देखो कैसे मुस्काएं
स्वीकार भाव यह नहीं कहता ,हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाएं
विपरीत परिस्थितियां अनुकूल करने, प्रयासरत हम हो जाएं
रवैया व्यवहार अच्छा रखने के लिए, प्रयत्नशील हम बन जाएं
आइए हम स्वीकार्य मार्ग पर, प्रतिपल आनंद में दिए जाएं
प्रतिफल आनंद में दिए जाएं.……….

Language: Hindi
2 Likes · 625 Views
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