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22 Dec 2021 · 1 min read

स्वार्थ मुक्तक

स्वार्थ ही देखते तुम रहे उम्र भर।
आत्म सुख ढूढ़ते तुम रहे उम्र भर।
कर्म के युद्ध में जब पराजित हुए,
भाग्य को कोषते तुम रहे उम्र भर।

अभिनव मिश्र अदम्य

Language: Hindi
319 Views
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