स्वार्थी आदमी
अजीब है लोग सुख में साथ देते है,
तनिक भी दुःख हुआ तो छोड़ देते है।
स्वार्थी बन गये सब अपने लोग,
बस अपने काम का मोह देते है।
मरने पर याद आता है वो जनाजा
जिंदा पर तो हमेशा जलते रहते है।
क्यूँ ऐसी मानवता को शर्मसार कर रहे,
कभी तो अपने भी साथ दे देते है।
अनिल “आदर्श”