स्वामी समर्थ हमारे परमार्थ में खड़े हैं
मुखरा
स्वामी स्वामी स्वामी स्वामी
स्वामी समर्थ हमारे परमार्थ में खड़े हैं-2
अपने दिव्य वचनों से जग, उद्धार कर रहे हैं
स्वामी स्वामी स्वामी स्वामी
स्वामी समर्थ हमारे परमार्थ में खड़े हैं
अंतरा
स्वामी शरण में आए अपने भक्त जनों को
दुर्गुण सभी हटा के स्वच्छ करते हैं मनों को।।-2
बिगड़ी सभी बनें हैं जो स्वामी शरण पड़े हैं-2
स्वामी स्वामी स्वामी स्वामी
भक्ति का रसधाड़ स्वामी समर्थ बहाते
जिन पर हों उनका कृपा वहीं इसमें हैं नहाते।।-2
छोड़ भ्रम दुनिया का जग में न कोई तेरे हैं
स्वामी स्वामी स्वामी स्वामी
मिलें कहीं जो मोती स्वामी समर्थ के वचनों का
समेंट समेट कर रखना माला बनाकर रतनों का।।-2
आत्म मंथन से अपने चित्त को शांत करें हैं
स्वामी स्वामी स्वामी स्वामी
स्वामी समर्थ हमारे परमार्थ में खड़े हैं
रचनाकार -रौशन राय
तारीख – 06-09-2021
दुरभाष नं-9515651283/8591855531