स्वागत है,,,
01.08.16
नसीब में मिली सिर्फ़ तन्हाई,स्वागत है,
बुराई गर है ईनामे भलाई,स्वागत है ।
लड़ें खुदी से कैसे औ कितना अब
ख़ुशी बन गम का साया है आई,स्वागत है ।।
शुचि(भवि)
01.08.16
नसीब में मिली सिर्फ़ तन्हाई,स्वागत है,
बुराई गर है ईनामे भलाई,स्वागत है ।
लड़ें खुदी से कैसे औ कितना अब
ख़ुशी बन गम का साया है आई,स्वागत है ।।
शुचि(भवि)