स्वस्थ जीवन
स्वस्थ रहने के प्रमाण प्रथम आप समय पर उठे और तरोताजा महसूस करें । आपके शरीर की जैविक घड़ी और घड़ी का तालमेल सही हो। आपका पाचन तंत्र सही रहे। आपके दिनचर्या के समस्त कार्य ठीक समय एवं अवधि में संपन्न हों। आप कार्य के संपादन में रुचि लें और जल्द थके नहीं।आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी हो कि आप मौसम बदलाव सहन कर सकें और शीघ्र बीमार ना पड़ें। और यदि अकस्मात बीमार भी पड़ जाएं तो ठीक जल्दी हो जाएं। आपको कार्य करने के प्रति उत्साह हो और आप ऊर्जावान महसूस करें। किसी कार्य को करने में आपको कठिनाई न महसूस हो और सरलता से आप अपना कार्य निष्पादन कर सकें । स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ विचार भी आवश्यक हैं। अगर आपके मानस पटल पर सकारात्मक सोच रहेगी तो आप आप उतने ही स्वस्थ रहेंगे। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह सिद्ध किया जा चुका है कि नकारात्मक सोच से मस्तिष्क में कुछ ऐसे रसायन निर्मित होते हैं जो स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं । जहां तक हो सके नकारात्मक सोच से बचें और यथार्थ के धरातल पर अपनी सोच को केंद्रित करें अधिक कल्पनाशील ना बनें । भावनाओं और कुंठाओं को नियंत्रित करना सीखें। रचनात्मक सोच से स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और मस्तिष्क का विकास होता है । कुछ ऐसे शौक रखें जिनसे आपका स्वास्थ्य सही रहे जैसे कि योग,व्यायाम, सैर, संगीत ,नृत्य, लेखन चित्रकला ,मूर्तिकला एवं खेल। जिसमें आप अपना खाली समय व्यतीत कर सकें और एक स्वस्थ परिपाटी का पालन कर सकें । और व्यर्थ की सोच से बच सकें। दुर्घटनाओं और हानि को समय रहते भूलने की कोशिश करें और अपने आपको सामान्य जीवन जीने के लिए तैयार करें । जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव को दृढ़ता से स्वीकार करें। औरों की देखा देखी ना करें अपने संसाधनों पर संतुष्ट रहें । आपका स्वस्थ जीवन आपके ही हाथों में है ।उसे किस तरह से स्वस्थ बनाना है यह आप पर निर्भर है।