Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Oct 2019 · 2 min read

स्वस्थ जीवन

स्वस्थ रहने के प्रमाण प्रथम आप समय पर उठे और तरोताजा महसूस करें । आपके शरीर की जैविक घड़ी और घड़ी का तालमेल सही हो। आपका पाचन तंत्र सही रहे। आपके दिनचर्या के समस्त कार्य ठीक समय एवं अवधि में संपन्न हों। आप कार्य के संपादन में रुचि लें और जल्द थके नहीं।आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता इतनी हो कि आप मौसम बदलाव सहन कर सकें और शीघ्र बीमार ना पड़ें। और यदि अकस्मात बीमार भी पड़ जाएं तो ठीक जल्दी हो जाएं। आपको कार्य करने के प्रति उत्साह हो और आप ऊर्जावान महसूस करें। किसी कार्य को करने में आपको कठिनाई न महसूस हो और सरलता से आप अपना कार्य निष्पादन कर सकें । स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ विचार भी आवश्यक हैं। अगर आपके मानस पटल पर सकारात्मक सोच रहेगी तो आप आप उतने ही स्वस्थ रहेंगे। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह सिद्ध किया जा चुका है कि नकारात्मक सोच से मस्तिष्क में कुछ ऐसे रसायन निर्मित होते हैं जो स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालते हैं । जहां तक हो सके नकारात्मक सोच से बचें और यथार्थ के धरातल पर अपनी सोच को केंद्रित करें अधिक कल्पनाशील ना बनें । भावनाओं और कुंठाओं को नियंत्रित करना सीखें। रचनात्मक सोच से स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और मस्तिष्क का विकास होता है । कुछ ऐसे शौक रखें जिनसे आपका स्वास्थ्य सही रहे जैसे कि योग,व्यायाम, सैर, संगीत ,नृत्य, लेखन चित्रकला ,मूर्तिकला एवं खेल। जिसमें आप अपना खाली समय व्यतीत कर सकें और एक स्वस्थ परिपाटी का पालन कर सकें । और व्यर्थ की सोच से बच सकें। दुर्घटनाओं और हानि को समय रहते भूलने की कोशिश करें और अपने आपको सामान्य जीवन जीने के लिए तैयार करें । जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव को दृढ़ता से स्वीकार करें। औरों की देखा देखी ना करें अपने संसाधनों पर संतुष्ट रहें । आपका स्वस्थ जीवन आपके ही हाथों में है ।उसे किस तरह से स्वस्थ बनाना है यह आप पर निर्भर है।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 2 Comments · 255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
बेकद्रों की सोहबत से
बेकद्रों की सोहबत से
Chitra Bisht
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
किसी भी चीज़ की आशा में गवाँ मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
समय बीतते तनिक देर नहीं लगता!
समय बीतते तनिक देर नहीं लगता!
Ajit Kumar "Karn"
"बेज़ारे-तग़ाफ़ुल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मतिभ्रष्ट
मतिभ्रष्ट
Shyam Sundar Subramanian
*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*
*आवारा कुत्ते हुए, लोभी नमकहराम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
ग़ज़ल(इश्क में घुल गयी वो ,डली ज़िन्दगी --)
डॉक्टर रागिनी
This is the situation
This is the situation
Otteri Selvakumar
कैसी
कैसी
manjula chauhan
यादों की सफ़र
यादों की सफ़र"
Dipak Kumar "Girja"
कौन है वो ?
कौन है वो ?
Rachana
“बिरहनी की तड़प”
“बिरहनी की तड़प”
DrLakshman Jha Parimal
पंकज बिंदास कविता
पंकज बिंदास कविता
Pankaj Bindas
सुनो - दीपक नीलपदम्
सुनो - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
रणचंडी बन जाओ तुम
रणचंडी बन जाओ तुम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मनका छंद ....
मनका छंद ....
sushil sarna
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
VINOD CHAUHAN
युद्ध के बाद
युद्ध के बाद
लक्ष्मी सिंह
3827.💐 *पूर्णिका* 💐
3827.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
कुछ लोग बहुत पास थे,अच्छे नहीं लगे,,
Shweta Soni
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )-
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )- " साये में धूप "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मर्म का दर्द, छिपाना पड़ता है,
मर्म का दर्द, छिपाना पड़ता है,
Meera Thakur
🙅NEVER🙅
🙅NEVER🙅
*प्रणय*
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
जब हर एक दिन को शुभ समझोगे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सियासत
सियासत
हिमांशु Kulshrestha
" धन "
Dr. Kishan tandon kranti
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
Loading...