स्वर कोकिला लता जी।
स्वर कोकिला मरी नही,अमर हो गई है।———-अब! केवल दूसरे जगत में ट्रांसफर हो गई है।————————–+-+–+-स्वरो से भर दी सब की झोली।रही न कोई खाली।आप चलीं सब छोड़,अमरतत्व में विलीन हो गई है।—–खुद तरी, परिवार को तारा देश समाज का नाम रोशन कर गई।स्वर कोकिला मरी नही है अमर हो गई है।—-प्रकृति का नियम है,जो आया है उसे जाना है।——————-पर!किस विधि जाना है कुछ तो छोड़ जाना है।——जीवन कैसे जीना है,यह सिखा कर चली गई।स्वर कोकिला मरी नही है अमर हो गई है।—याद करेंगी ये दुनिया सारी, महान बन कर चली गई।स्वर कोकिला मरी नही है अमर हो गई।————-विनम्र श्रद्धांजलि आपको अर्पित करता हूं।