स्वर्ण मुखी छंद
31.10.2022
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जीवन आदर्श बनता तभी।
औरों को शिक्षा सदा मिले।
जग उपवन मनहर फूल खिले।
पावन गुण संचय करे सभी।
दृढ़ संकल्प तप राह चुनना।
आलस्य से यूँ मुँह मोड़ कर।
मेहनत से नाता जोड़ कर।
कर्म सफल यही ध्येय बुनना।
देश की आन हित शान बढ़े।
उन्नति पथ नित कदम बढ़ाओ।
जग विजय पताका लहराओ।
मात पिता का फिर मान बढ़े।
संघर्ष ही जीवन है सुनो।
प्रगति पथ चुनो हर तार बुनो।
शीला सिंह बिलासपुर हिमाचल प्रदेश 🙏