स्वर्ग में भी, चलती है l
स्वर्ग में भी, चलती है l
नरक में भी, चलती है ll
कवि कलम, कभी न ठहरे l
शुन्य में भी, चलती है ll
प्यास, आस लिए रहती l
प्रभु दिशा से, चलती है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न
स्वर्ग में भी, चलती है l
नरक में भी, चलती है ll
कवि कलम, कभी न ठहरे l
शुन्य में भी, चलती है ll
प्यास, आस लिए रहती l
प्रभु दिशा से, चलती है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न