स्वर्ग धाम*
एक इंसान,
मरने के बाद ऊपर गया।
यमराज ने ,
सजा देने की कहीं।
पहले उसे,
ठंडे मकान में रखा गया।
जहां चार सेल्सियस तापमान था,
फिर भी वह आदमी,
नहीं घबराया।
हंसता हुआ वापिस आया।
यमराज ने फिर उसे सजा सुनाई,
इंसान को हंसी आई।
फिर उसे, गर्म मकान में रखा गया।
जहां तापमान 50 सेल्सियस था।
फिर मकान से हंसता हुआ वापस आया।
यमराज को बहुत गुस्सा आया।
उस पर वर्षा ओले वा तूफान का कहर बरसा आया।
लेकिन कुछ नहीं हुआ।
यमराज ने,
चित्रगुप्त को बुलाया।
इंसान का रिकॉर्ड दिखवाया।
चित्रगुप्त रिकॉर्ड देखकर,
यमराज से कहा।
यह आदमी शिक्षक है,
ये सभी यातनाएं,
सहन कर आया है।
यमराज ने कहा इसे,
स्वर्ग धाम में पहुंचादो।
रचनाकार
नारायण अहिरवार (अंशु कवि)