*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा
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खुशियों से हरा – भरा है संसार हमारा।
स्वर्ग तुल्य सुंदर सा है परिवार हमारा।
साथ साथ रहते है हम जैसे चाँद सितारे,
घर में पूरे होते सारे ख्वाब हमारे,
फल फूलों से सजा हुआ सा द्वार हमारा।
स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा।
यहाँ मात – पिता को देवों सा पूजा जाए,
छोटो से पहले बड़े घर में खाना खाएं,
हर एक दिन होता है त्यौहार हमारा।
स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा।
नन्हें – मुन्नो से घर का आँगन खिलता है,
मन में सुख समृद्धि शांति धन मिलता है,
पुलकित हर्षित समर्पित घर बार हमारा।
स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा।
मनसीरत मन मंदिर में सुख का वास है,
कोई मातम छू ना पाए मन में आस है,
भाई चारा कायम रहे दमदार हमारा।
खुशियो से हरा – भरा है संसार हमारा।
स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)