Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2021 · 2 min read

स्वर्गवासी पत्नी को पति का खत

स्वर्गवासी पत्नी को पति का खत। हे विधाता इसे उन तक पहुंचा देना।
¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤
प्रिय रिन्कू की मम्मी
सदा सुखी रहो

शादी के शुरूआती सालों मे खतो-किताबत खूब हुई थी। लम्बे लम्बे खत लिखता था, तुम जवाब भी देती पर जरा छोटे। फिर से मन हुआ सो लिख रहा हूं।

अभी कुछ ही दिन हुए है तुम्हे गये हुए लगता है कि अरसे से साथ नही हो, घर की मालकिन घर मे नहीं तो बडा सूना सूना सा लगता है। जानती ही हो कितना चाहता हूं तुम्हें, तुम्हारे बिना रहा नही जाता।

तुम्हारी लायक बडी बेटी रिन्कू तो अपनी उम्र से ज्यादा बडी हो गयी है ऐसी बातें करती है जिन्हे करने मे मै भी संकोच करता हूं, अरे कुछ और मत सोचो मेरा मतलब है वो ज्यादा भावनात्मक न होकर वास्तविकता के नजदीक होती है। सेवाभाव तो बिल्कुल तुम्हारी तरह है, मेरा ऐसे ख्याल रखती है जैसे बेटी के रूप मे तुम आ गयी हो। 2 तारीख को वापस जा रही है, उसकी अपनी भी घर गृहस्थी है।

एक बात और, जब तुम यहां थी तो छोटी शिल्पी एक हफ्ते रहने के लिए आई थी, ध्यान दिया होगा पूरी जिम्मेदारी के साथ घर और बाहर अच्छी तरह सम्भाला, उसे तो अपना दूसरा बेटा मानती हो वो भी कोई कसर नहीं छोड़ती। तुम्हे बहुत याद करती है।

बेटे पिन्टू की कार्यालय के प्रति जिम्मेदारी है इसलिए वो चले गए, हर दिन फोन करते और हाल चाल लेते रहते है। तुम्हारा लाडला बेटा भी तुम्हारी यादों मे डूबा रहता लेकिन जाहिर नहीं होने देता।

मंझली पिन्की भी समय मिलते ही आती जाती रहती है। जानती ही हो बचपन मे सबसे ज्यादा यही मुझे प्यारी थी, पर अब वो भी मेरे साथ नहीं रह पाती, शादी के बाद लडकियों की जिम्मेदारी ससुराल के प्रति भी हो जाती है। चिंता मत करना उसकी तबियत ठीक है, डाक्टर ने कहा विशेष बात नही है बस सफाई और खान पान का ध्यान रखना है।

बहू छाया, पोतिया अनिका इलीना यहीं है। बहू खाने नाश्ते चाय वगैरह का पूरा ध्यान रखती हैं। बच्चे पूंछते है – बाबा जी, दादी जी कब आयेंगी ?

एक बात कहूं, चारो बच्चे तुम्हारे दुलारे, जिन परिस्थितियों में इनका लालन पालन हुआ इनको जो संस्कार मिले वो हर तरीके से सही है, इन्हें घर बाहर सभी जगह मान सम्मान मिलेगा।

मालूम है कि अपना ख्याल रखती हो। मुझे वो दिन नही भूलता जब मेरी तबियत खराब होने पर अकेले ही अपने डाक्टर के यहां चली गयीं थी, फिर भी ये कहना मेरा फर्ज है कि अपना ध्यान रखना दवा वगैरह समय से लेते रहना और हां, मेरी चिंता बिल्कुल भी मत करना, मै ठीक हूं सभी दवाएं समय से ले रहा हूं।

रोज सुबह आख खुलते ही तुम्हे आवाज देने की आदत – ‘रिन्कू की मम्मी’ लेकिन जवाब मे तुम्हारी आवाज़ – ‘हा रिन्कू के पापा’ न सुन कर उदास हो जाता हूं।

अंत मे बस इतना ही, बहुत याद आती हो, आंखे नम हो गयी है। दूसरा खत फिर कभी लिखूंगा।

तुम्हारा
रिन्कू के पापा

स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
?
अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 296 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ashwani Kumar Jaiswal
View all
You may also like:
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
*औषधि (बाल कविता)*
*औषधि (बाल कविता)*
Ravi Prakash
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
जब तात तेरा कहलाया था
जब तात तेरा कहलाया था
Akash Yadav
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
Chaahat
राम जी
राम जी
Shashi Mahajan
शीतल शालीन प्रहार का दृष्टि दृष्टिकोण धैर्य धनपत का साहित्यिक प्रहार
शीतल शालीन प्रहार का दृष्टि दृष्टिकोण धैर्य धनपत का साहित्यिक प्रहार
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आहिस्था चल जिंदगी
आहिस्था चल जिंदगी
Rituraj shivem verma
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
Sonam Puneet Dubey
"डोजर" के चेप्टर पर तो "क्लोजर" लगा दिया हुजूर!अब "गुल" खिला
*प्रणय*
ग़ज़ल __पी लिया है जाम ए कौसर ,दिल नहीं लगता कहीं ,
ग़ज़ल __पी लिया है जाम ए कौसर ,दिल नहीं लगता कहीं ,
Neelofar Khan
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
बसंत
बसंत
manjula chauhan
पल- पल बदले जिंदगी,
पल- पल बदले जिंदगी,
sushil sarna
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
I became extremely pleased to go through your marvellous ach
manorath maharaj
उम्मीद
उम्मीद
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
चोट
चोट
आकांक्षा राय
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी
Harminder Kaur
चलते चलते
चलते चलते
ruby kumari
"कोयल"
Dr. Kishan tandon kranti
*झूठा ही सही...*
*झूठा ही सही...*
नेताम आर सी
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रकृति का प्रकोप
प्रकृति का प्रकोप
Kanchan verma
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
DrLakshman Jha Parimal
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
4779.*पूर्णिका*
4779.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...