Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2024 · 1 min read

स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए

स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए
पांचों इंद्रियों के साथ
अपनी छटी इंद्री को
हमेशा जाग्रत रखिए।
आप हमेशा सुरक्षित रहेंगी।
_ सोनम पुनीत दुबे

1 Like · 33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
विश्वकप-2023
विश्वकप-2023
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
Hard work is most important in your dream way
Hard work is most important in your dream way
Neeleshkumar Gupt
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
डी. के. निवातिया
जीवन पथ
जीवन पथ
Dr. Rajeev Jain
नशा ख़राब है l
नशा ख़राब है l
Ranjeet kumar patre
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
..
..
*प्रणय प्रभात*
Sometimes people  think they fell in love with you because t
Sometimes people think they fell in love with you because t
पूर्वार्थ
जीवन मे
जीवन मे
Dr fauzia Naseem shad
अपनी चाह में सब जन ने
अपनी चाह में सब जन ने
Buddha Prakash
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
जीवन में सारा खेल, बस विचारों का है।
Shubham Pandey (S P)
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ओसमणी साहू 'ओश'
🚩पिता
🚩पिता
Pt. Brajesh Kumar Nayak
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
प्रेम, अनंत है
प्रेम, अनंत है
हिमांशु Kulshrestha
कभी बहुत होकर भी कुछ नहीं सा लगता है,
कभी बहुत होकर भी कुछ नहीं सा लगता है,
Sunil Maheshwari
सम्मान
सम्मान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Uljhane bahut h , jamane se thak jane ki,
Sakshi Tripathi
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
मेहबूब की शायरी: मोहब्बत
Rajesh Kumar Arjun
परेशानियों का सामना
परेशानियों का सामना
Paras Nath Jha
वो तो हंसने हंसाने की सारी हदें पार कर जाता है,
वो तो हंसने हंसाने की सारी हदें पार कर जाता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पन्द्रह अगस्त
पन्द्रह अगस्त
राधेश्याम "रागी"
पुरखों के गांव
पुरखों के गांव
Mohan Pandey
अनुभूति
अनुभूति
Dr. Kishan tandon kranti
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
Neelam Sharma
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
सुलगती आग हूॅ॑ मैं बुझी हुई राख ना समझ
VINOD CHAUHAN
Loading...