दुख दें हमें उसूल जो, करें शीघ्र अवसान .
Not only doctors but also cheater opens eyes.
कुछ ये हाल अरमान ए जिंदगी का
मिथिला कियेऽ बदहाल भेल...
शब्दों की मिठास से करें परहेज
एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया।
वक्त से वक्त को चुराने चले हैं
मायड़ भासा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
।। निरर्थक शिकायतें ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
*दादी ने गोदी में पाली (बाल कविता)*
सुशील कुमार मोदी जी को विनम्र श्रद्धांजलि