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2 Mar 2019 · 2 min read

स्वभाव और परिवर्तन-स्पष्टीकरण

प्रायः हम अपने विचारों से प्रभावित होते हैं, जिस प्रभाव का परिणाम नकारात्मक भी होता है और सकारात्मक भी होता है।
मनुष्य के मन में प्रत्येक क्षण अनगिनत विचार आते हैं और क्षण भर में बिसर भी जाते हैं तथा मनुष्य के मन का एक विशेष अंश उन विचारों का विश्लेषण-संश्लेषण करता रहता है। जब हमारा मस्तिष्क हमारे अनगिनत विचारों में से किसी एक विचार को पकड़ लेता है, तो उस विचार से हम उस समय-विशेष पर प्रभावित होते हैं और उस विचार के कारण हमें लाभ होता है या हानि होती है, यह उस विचार का वह परिणाम है, जो अंततः प्राप्त होता है।
अब यदि किसी विचार-विशेष के परिणामस्वरूप होने वाले लाभ और हानि की चर्चा करें, तो यह कहा जा सकता है कि उस विचार से होने वाला लाभ क्षणिक भी हो सकता है या हमारे भविष्य के समय को अच्छा करने वाला भी हो सकता है और अच्छा नहीं कर पाया तो भी कहाँ बुरा होता ही है यह जीवन!
वैसे ही उस विचार से होने वाली हानि भी क्षणिक होती है अथवा भविष्य को प्रभावित करने वाली, जिसमें प्रभाव नकारात्मक भी हो सकता है और सकारात्मक भी हो सकता है। भविष्य को प्रभावित करने वाला अर्थात अधिक हानि कारित करने वाला या दीर्घायु या सूक्ष्म सी हानि, जो भविष्य को प्रभावित करने हेतु पर्याप्त है।
विश्लेषण का शीर्षक परिवर्तित करते हुए संक्षेप में इतना कहना अनुचित नहीं होगा कि मनुष्य का स्वभाव उसकी प्रकृति पर निर्भर करता है और उसकी प्रकृति उसके विचारों से प्रभावित होती रहती है। प्रायः लोगों को यह कहते सुना है कि मनुष्य की प्रकृति कभी नहीं बदलती किन्तु उसके स्थान पर यह कहना उचित है कि मनुष्य का स्वभाव नहीं बदलता और आगे बढ़ कर विश्लेषण करें, तो स्वभाव प्रकृति के अनुसार निर्धारित होता है और इसका अर्थ हुआ कि स्वभाव भी बदलता है।
परिवर्तन कोई रोक नहीं सकता, मेरा ऐसा विचार है। जो ईश्वर में आस्था रखता है, वह कहता है “परिवर्तन और समय को स्वयं सृष्टि के रचयिता भी नहीं बदल सकते” और नास्तिक व्यक्ति परिवर्तन और समय को किस के अधीन रखता है, यह मैं नहीं सोच पाया लेकिन प्रयत्नशील हूँ।
अतः किसी व्यक्ति के प्रति मन में सदैव के लिए कोई विचार बनाना उचित नहीं है, क्योंकि व्यक्ति-विशेष की विशेषता भी उसके स्वभाव से निर्धारित होती है और स्वभाव तो स्वयं में ही परिवर्तित होता है।
रही बात प्रकृति की तो ‘परिवर्तन प्रकृति की ही रचना है’।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 814 Views
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