स्वतंत्रता सेनानी राजनारायण मिश्र
राजनारायण मिश्र महान स्वतंत्रता सेनानी थे
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के, कर्तव्य निष्ठ सिपाही थे
अंग्रजों पर आघात के लिए ,कई बार जैल गए थे
९दिसम्वर १९४४ को उनको, लखनऊ में फांसी दे दी थी
क्षमा याचना नहीं की उन्होंने, क्षमा से फांसी टल सकती थी
फांसी पूर्व झारखंडे राव को, उनने पत्र लिखा था
४०० रुपए का प़बंध अपील के लिए, स्त्री के जेबर बेंच भी न हो सका था
कृपया मेरी अपील न करें, मैं हंसते हंसते चढ़ जाऊंगा
शहीद वृक्ष फूले फले गीत यही दोहराऊंगा
युवकों को संदेश यही है, आजादी तक आराम नहीं
किसी दल में रहें आप,दिल में रखना कोई भेद नहीं
शहीद वृक्ष बढ़ रहा दिनों दिन,खून से हमने सींचा है
आजादी के फल आएंगे एक दिन, स्वप्न यही बस देखा है
वंदे मातरम।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी