Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Dec 2021 · 2 min read

स्वच्छ रहे परिवेश हमारा

✒️?जीवन की पाठशाला ?️

?माँ सरस्वती के आशीर्वाद एवं सतगुरु की प्रेरणा से मेरी कलम द्वारा स्वरचित मेरी 17th कविता वीणा वादिनी माँ सरस्वती को समर्पित ?

#विषय-स्वच्छ रहे परिवेश हमारा

स्वच्छ परिवेश जिम्मेदारी है हमारी
स्वच्छ परिवेश भागीदारी है हमारी
स्वच्छ परिवेश संस्कृति है हमारी
स्वच्छ परिवेश विरासत है हमारी -1

परिवेश स्वच्छ तो हम स्वस्थ
परिवेश स्वच्छ तो हम निरोगी
परिवेश स्वच्छ तो हम ऊर्जावन
परिवेश स्वच्छ तो हम गतिमान -2

स्वच्छ परिवेश ही नहीं तन भी स्वच्छ हो
स्वच्छ परिवेश ही नहीं मन भी स्वच्छ हो
स्वच्छ परिवेश ही नहीं बुद्धि भी स्वच्छ सकारात्मक हो
स्वच्छ परिवेश ही नहीं आपकी आत्मा भी स्वच्छ हो -3

परिवेश स्वच्छ होगा तो हारी बीमारी नहीं होगी
परिवेश स्वच्छ होगा तो वातावरण में शुद्धि होगी
परिवेश स्वच्छ होगा तो घर में ताजगी होगी
परिवेश स्वच्छ होगा तो जीत हमारी होगी -4

स्वच्छ परिवेश घर का ही नहीं आस पड़ोस का भी होना चाइये
स्वच्छ परिवेश आस पड़ोस का ही नहीं पूरे मोहल्ले का होना चाहिए
स्वच्छ परिवेश मोहल्ले का ही नहीं शहर भर का होना चाहिए
स्वच्छ परिवेश शहर भर का ही नहीं संपूर्ण राष्ट्र का होना चाहिए -5

परिवेश की स्वछ्त्ता केवल स्थान की नहीं हमारे विचारों की भी होनी चाहिए
परिवेश की स्वछ्त्ता केवल विचारों को नहीं रूढ़िवादिता को हटाने की भी होनी चाहिए
परिवेश की स्वछ्त्ता केवल रूढ़िवादिता को हटाने की नहीं बेटी और बेटे के भेद को मिटाने की भी होनी चाहिए
परिवेश की स्वछ्त्ता केवल बेटी -बेटे के भेद को मिटाने की नहीं बहु को बेटी मानने की भी होनी चाहिए -6

हर व्यक्ति आगे बढ़कर स्वच्छ परिवेश के महत्व को खुद समझे और जन जाग्रति लाये
हर पुरुष राह चलते खुले में कहीं भी शौच नहीं करेंगे इस प्रतिज्ञा के साथ स्वच्छ परिवेश को समझे और समझाए
हर नागरिक राह चलते नहीं थूकेंगे स्वच्छ परिवेश के तहत कसम खाये
चलती गाडी से कचरा नहीं फेंकेंगे स्वच्छ परिवेश के अंतर्गत हर परिवार शपथ उठाये -7

अगर वास्तव में हम चाहते हैं मेरा भारत महान
तो स्वच्छ परिवेश को अपनाना ही होगा मेरी जान
स्वच्छ परिवेश होगा तो देश का विकास होगा
स्वच्छ परिवेश होगा तो आने वाली पीढ़ी का उद्दार होगा -8

स्वार्थवश काट रहा पेड़ और पहाड़ इंसान
स्वार्थवश खेल रहा प्रकर्ति के साथ इंसान
जन्मदिवस -विवाह वर्षगाँठ -हर उत्सव पर कर वृक्षारोपण
स्वच्छ परिवेश से ही होगा स्वच्छ हवा -स्वच्छ जल और हमारे भविष्य के लिए नई फसलों का बीजारोपण -9

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!

?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान

Language: Hindi
1 Like · 268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
तुम जिसे खुद से दूर करने की कोशिश करोगे उसे सृष्टि तुमसे मिल
Rashmi Ranjan
वफ़ा
वफ़ा
shabina. Naaz
।। सुविचार ।।
।। सुविचार ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मैं और सिर्फ मैं ही
मैं और सिर्फ मैं ही
Lakhan Yadav
हमारे जैसी दुनिया
हमारे जैसी दुनिया
Sangeeta Beniwal
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
VINOD CHAUHAN
ये कैसा घर है. . . .
ये कैसा घर है. . . .
sushil sarna
कहानी-
कहानी- "खरीदी हुई औरत।" प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
खुदा जाने
खुदा जाने
Dr.Priya Soni Khare
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
दोस्तों के साथ धोखेबाजी करके
ruby kumari
एक दिन
एक दिन
Harish Chandra Pande
अंधा बांटे रेबड़ी, फिर फिर अपनों के देवे – कहावत/ DR. MUSAFIR BAITHA
अंधा बांटे रेबड़ी, फिर फिर अपनों के देवे – कहावत/ DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
3122.*पूर्णिका*
3122.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे पैमाना पुराना
हे पैमाना पुराना
Swami Ganganiya
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
gurudeenverma198
" यादें "
Dr. Kishan tandon kranti
बीतल बरस।
बीतल बरस।
Acharya Rama Nand Mandal
तुझे खुश देखना चाहता था
तुझे खुश देखना चाहता था
Kumar lalit
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
सत्य कुमार प्रेमी
संवाद होना चाहिए
संवाद होना चाहिए
संजय कुमार संजू
■ कल तक-
■ कल तक-
*प्रणय प्रभात*
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
अकेलापन
अकेलापन
लक्ष्मी सिंह
चंद्रयान-थ्री
चंद्रयान-थ्री
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
प्रेम और आदर
प्रेम और आदर
ओंकार मिश्र
*आई ए एस फॅंस गए, मंत्री दसवीं फेल (हास्य कुंडलिया)*
*आई ए एस फॅंस गए, मंत्री दसवीं फेल (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तिरंगा
तिरंगा
Dr Archana Gupta
Loading...