Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 2 min read

स्वच्छता गीत

1-स्वच्छता गीत
ऐ हवा ! दे बता ! जिसको भी न हो पता ,
स्वस्थ जीने के लिए बहुत जरूरी स्वच्छता।
शुद्धता से स्वच्छता अरु स्वच्छता से स्वास्थ्य है,
स्वस्थ तन में स्वस्थ मन इसका बड़ा महत्व है।
गंदगी परिधान की हो अथवा खान-पान की,
बीमार करती है हमें बाजी भी लगती जान की।
ऐ हवा ! दे बता ! जिसको भी न हो पता !
स्वस्थ जीने के लिए बहुत जरूरी स्वच्छता।

आस-पास की हवा अरु खान-पान शुद्ध रख,
सर्वजन प्रसन्न रख स्वास्थ्य का मजा भी चख।
साफ सुथरा बह रहा जल भी कहीं जब ठहरता,
जीवाणु वहाँ पनपते मच्छर को लग जाता पता।
ऐ हवा ! दे बता ! जिसको भी न हो पता !
स्वस्थ जीने के लिए बहुत जरूरी स्वच्छता।।

घर हो दफ्तर या सड़क स्वच्छता ही सबका हक,
स्वस्थ तन-मन सुखी जीवन खोज लो जहां बेशक।
यहाँ पर जीव भिन्न-भिन्न हैं विचित्र जैवविविधता ,
श्रेष्ठ मनुज धन्य है जो समझता है स्वच्छता।
ऐ हवा ! दे बता ! जिसको भी न हो पता !
स्वस्थ जीने के लिए बहुत जरूरी स्वच्छता।।

मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे चर्च मदरसे सब प्यारे,
गांव , कस्बा या शहर ! न गंदगी बने कहर ।
ठहरो नहीं ! लगे रहो ! भक्ति रस पगे रहो !
बीमारियाँ घटेंगी जब बढ़ेगी और स्वच्छता।
ऐ हवा ! दे बता ! जिसको भी न हो पता।
स्वस्थ जीने के लिए बहुत जरूरी स्वच्छता।।

कूड़ा हो कूड़ेदान में हों नालियाँ ढलान में,
संकोच कहीं भी न हो शुद्ध खान – पान में।
रोगी से ना कभी डरें ! डरें तो रोग से डरें !
रोग होना भोग नहीं ! ना ही रोगी की खता।
ऐ हवा ! दे बता ! जिसको भी न हो पता !
स्वस्थ जीने के लिए ! बहुत जरूरी स्वच्छता।।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 82 Views

You may also like these posts

बांते
बांते
Punam Pande
मेरी कलम कविता
मेरी कलम कविता
OM PRAKASH MEENA
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए
अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए
डॉ. दीपक बवेजा
तूफ़ान की स्थिति
तूफ़ान की स्थिति
Otteri Selvakumar
मन हर्षित है अनुरागमयी,इठलाए मौसम साथ कई।
मन हर्षित है अनुरागमयी,इठलाए मौसम साथ कई।
पूर्वार्थ
उसका राज चल रहा है उसके ससुराल पहुंँचते ही
उसका राज चल रहा है उसके ससुराल पहुंँचते ही
Akash Agam
23/198. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/198. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
टूटते पत्तो की तरह हो गए हैं रिश्ते,
टूटते पत्तो की तरह हो गए हैं रिश्ते,
Anand Kumar
" घर "
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे राम उनके राम, हम सबके ही हैं राम!
मेरे राम उनके राम, हम सबके ही हैं राम!
Jaikrishan Uniyal
हिमनद
हिमनद
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
रिमझिम सावन की रुकी,
रिमझिम सावन की रुकी,
sushil sarna
"गिराने को थपेड़े थे ,पर गिरना मैंने सीखा ही नहीं ,
Neeraj kumar Soni
" ठिठक गए पल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
उपकार हैं हज़ार
उपकार हैं हज़ार
Kaviraag
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
रामलला फिर आएंगे
रामलला फिर आएंगे
इंजी. संजय श्रीवास्तव
अहमियत
अहमियत
Kanchan verma
मैं नारी, सर्वशक्तिशाली हूँ।
मैं नारी, सर्वशक्तिशाली हूँ।
लक्ष्मी सिंह
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दुनियादारी से कोई लेना - देना नहीं,
दुनियादारी से कोई लेना - देना नहीं,
Ajit Kumar "Karn"
मृत्यु आते हुए
मृत्यु आते हुए
Arun Prasad
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Dr Archana Gupta
24) पनाह
24) पनाह
नेहा शर्मा 'नेह'
दिल
दिल
sheema anmol
आशीष
आशीष
उमा झा
में स्वयं
में स्वयं
PRATIK JANGID
चंदन का टीका रेशम का धागा
चंदन का टीका रेशम का धागा
Ranjeet kumar patre
सोना ठीक है क्या
सोना ठीक है क्या
Ashwani Kumar
Loading...