Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2024 · 2 min read

*स्मृति: रामपुर के वरिष्ठ कवि श्री उग्रसेन विनम्र जी के दो प

स्मृति: रामपुर के वरिष्ठ कवि श्री उग्रसेन विनम्र जी के दो पत्र
____________________________
श्री उग्रसेन विनम्र जी का समय-समय पर आशीर्वाद मुझे मिलता रहा है। आप प्रतिभाशाली कवि थे। आशीर्वाद-स्वरुप आपकी हस्तलिखित दो कविताऍं आपकी स्मृति को ताजा करती हुईं मेरे संग्रह में मौजूद हैं। कविताऍं इस प्रकार हैं:-
—————————————-
श्री रवि प्रकाश अग्रवाल के लिए दो वरबै छन्द
➖➖➖➖➖➖➖➖
रवि ! प्रकाश का स्रोत्र, ऊर्जा – भण्डार ।
विभिन्न रंगों का दायक, जीवनाधार ॥1॥
जीव- जगत- वनस्पति, सकल दिव्य सृष्टि ।
केन्द्रित व्यापार; हो धी-श्री वृष्टि ॥ 2॥
—————————————-
विद्या वाचस्पति श्री उग्रसेन विनम्र
एम०ए० (हिन्दी, इतिहास), साहित्य रत्न, विज्ञान रत्न, विशारद ।
——————————–
धी = बुद्धि, मेधाशक्ति
श्री = लक्ष्मी
————————————————————-
दिनांक 10 – 2 – 97

काशी की परम्परा सरस्वती-लक्ष्मी के पारस्परिक बैर को
भारतेन्दु, रत्नाकर, प्रसाद जैसे धनि, साहुओं ने कर दिया समाप्त है।

रामपुर काशी-तुल्य बनाया है, रवि प्रकाश ने; रामपुर के रत्न, श्रेष्ठ कहानियाँ, माँ, गीता-विचार के बाद अब ‘जीवन- यात्रा’ पद्य-गद्य लेखन में रवि-प्रकाश, इस काल व्याप्त है।।
—————————————-
विद्या वाचस्पति श्री उग्रसेन विनम्र
(एम.ए. (हिन्दी, इतिहास), साहित्य रत्न, विज्ञान रत्न, विशारद ।
———————————
1997 में उग्रसेन विनम्र जी की आयु मेरे अनुमान से लगभग पैंसठ वर्ष रही होगी। आप गंभीर प्रवृत्ति के धनी थे। नपी-तुली और संक्षिप्त बात कहते थे। शरीर भारी था। आवाज में भी भारीपन था। चुस्ती-फुर्ती खूब थी। बीमार अथवा निढ़ाल स्थिति में आपको मैंने कभी नहीं देखा। हमेशा सफेद कुर्ता-पाजामा पहनते थे। कभी-कभार जब किसी विषय पर चर्चा होती थी, तब वह एक अध्यापक की भॉंति विषय को विस्तार से समझाते थे। उनकी हॅंसी के क्या कहने ! बच्चों की तरह खिलखिलाकर हॅंसते थे। उनमें छल-कपट नहीं था।
जब मेरी पुस्तकों का विमोचन होता था, तब कृपा करके आप कार्यक्रम में पधारते थे और उसके बाद आशीर्वाद स्वरुप चार-छह पंक्तियां कागज पर लिखकर मुझे दे जाते थे। छंद शास्त्र पर आपकी पकड़ थी। विरबै-छंद का प्रयोग करना तो दूर रहा, आजकल की पीढ़ी में अधिकांशतः ने इस छंद का नाम भी शायद ही सुना होगा। मात्र दो पंक्तियों में अर्थात कुल चार चरणों में मात्राओं के अनुशासन के साथ अपनी बात को कहना विरबै छंद की विशेषता है।

39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
अवधी गीत
अवधी गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
*मतलब की दुनिया*
*मतलब की दुनिया*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Grandma's madhu
Grandma's madhu
Mr. Bindesh Jha
मन  बंजारा  लौट  चला  है, देखी  दुनियादारी।
मन बंजारा लौट चला है, देखी दुनियादारी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सात शरीर और सात चक्र को जानने का सरल तरीके। लाभ और उद्देश्य। रविकेश झा।
सात शरीर और सात चक्र को जानने का सरल तरीके। लाभ और उद्देश्य। रविकेश झा।
Ravikesh Jha
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
प्रकृति - विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar
jayanth kaweeshwar
मौन समझते हो
मौन समझते हो
मधुसूदन गौतम
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
समझदारी शांति से झलकती हैं, और बेवकूफ़ी अशांति से !!
Lokesh Sharma
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
Preksha mehta
क्षणिका :
क्षणिका :
sushil sarna
शब्द बहुत शक्तिशाली होते है हालांकि शब्दो के दाँत नही होते ल
शब्द बहुत शक्तिशाली होते है हालांकि शब्दो के दाँत नही होते ल
Ashwini sharma
टन टन
टन टन
SHAMA PARVEEN
सारी उम्र गुजर गई है
सारी उम्र गुजर गई है
VINOD CHAUHAN
वो प्यासा इक पनघट देखा..!!
वो प्यासा इक पनघट देखा..!!
पंकज परिंदा
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
यह कैसा पागलपन?
यह कैसा पागलपन?
Dr. Kishan tandon kranti
ये बेटा तेरा मर जाएगा
ये बेटा तेरा मर जाएगा
Basant Bhagawan Roy
तेरी याद
तेरी याद
SURYA PRAKASH SHARMA
कहमुकरी (मुकरिया) छंद विधान (सउदाहरण)
कहमुकरी (मुकरिया) छंद विधान (सउदाहरण)
Subhash Singhai
केवल
केवल
Shweta Soni
5) “पूनम का चाँद”
5) “पूनम का चाँद”
Sapna Arora
गुजार दिया जो वक्त
गुजार दिया जो वक्त
Sangeeta Beniwal
◆ मेरे संस्मरण...
◆ मेरे संस्मरण...
*प्रणय*
हम हंसना भूल गए हैं (कविता)
हम हंसना भूल गए हैं (कविता)
Indu Singh
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
विजय दशमी की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
Sonam Puneet Dubey
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
आया यह मृदु - गीत कहाँ से!
Anil Mishra Prahari
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
Some people are essential in your life. They bring light .Th
Some people are essential in your life. They bring light .Th
पूर्वार्थ
AE888 - Trang chủ nhà cái casino online hàng đầu, hội tụ gam
AE888 - Trang chủ nhà cái casino online hàng đầu, hội tụ gam
AE888 TRANG NHÀ CÁI CASINO
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
Abhishek Soni
Loading...