– स्पष्टीकरण –
क्यूँ दू मैं अपना
स्पष्टीकरण
क्यूँ दूँ मैं
अपना हाल
जब तुम सुनकर
भी करते हो तिरस्कार
क्यूँ दूँ में अपने
दिल का सब हाल
कद्र जहाँ न हो
वहां क्यूँ जाऊं
क्यूँ वहां जाकर
अपना तिरस्कार करवाऊँ
इतना भी नहीं में लाचार
क्यूँ दू स्पष्टीकरण
क्यूँ करूँ मैं
अब तुझ से प्यार
जब तेरी नज़रों में
कीमत नहीं प्यार की
क्यूँ दूँ सफाई
और किस बात का करूँ इंतजार
अजीत कुमार तलवार
मेरठ