स्पर्श
मादक नहीं था वह स्पर्श
भावुक भी नहीं था वह स्पर्श
जाने क्या , कैसा
क्यों कर हुआ वह स्पर्श
अचेतन के विशाल प्रान्त में
जहाँ प्राण तक ज्ञात नहीं
वहाँ अनुभव , अनुभूति ?
हाँ , संभव है
हो यही प्रेम का उत्कर्ष
मादक …
संचरित है रक्त में
अब तक समान अविचलित
ऊर्जा या पदार्थ
अथवा साम्य ?
नहीं है कोई निष्कर्ष
मादक …
स्पर्श ही था या भ्रम ?
मृग की कस्तूरी सा
सुगंध बाहर या अंतर में
हो रहा सचमुच एक संघर्ष
मादक …
वैचारिक शक्ति समाप्त
अज्ञान भी अपूर्ण , कहीं ये
कोशिकाओं का कोशिकाओं से
कोई गुप्त परामर्श
मादक …
अजय मिश्र