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22 Jun 2024 · 1 min read

स्नेह

स्नेह (धनुष वर्ण पिरामिड)

हो
स्नेह
मधुर
मस्ताना हो
शिव बाना हो
प्रिय दीवाना हो
आकर्षक माना हो
इच्छा उर जाना हो
सबको पाना हो
शुभ ध्याना हो
बैठाना हो
सबको
खुद
में।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 66 Views
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