“””स्नेह गीत””” — हुई शुरुवात, हुई शुरुवात !
** हुई शुरुवात,हुई शुरुवात — स्नेह गीत
गली से उनकी मेरा गुजरना, पीछे मुड़ मुड़ उनको तो तकना
बैठ झरोखे, उनका भी झकना
चलना थोड़ा चलते चलते ही रुकना,
हुई शुरुवात, हुई शुरुवात,प्यार की पहली मुलाकात।।
कभी न सोचा था हमने,प्यार इसी को कहते है।
अनजाने अनदेखे चहरे, यो ही दिल में उतरते है।।
कहने वाले अक्सर हमसे,ऐसा ही तो कहते थे।
मिल जाती जब नजरें,प्यार की धार में बहते थे।।
हुआ यही हमारे साथ, कटे न अब तो हमारी रात।
हुई शुरुवात, हुई शुरुवात,प्यार की पहली मुलाकात।।
यही हाल अब उनका भी,शायद अब तो रहने लगा।
आया संदेशा प्रेम पत्र से,दिल उनका भी कहने लगा।।
लो खबरिया, मिटे दूरियां,साजन याद सताए।
लगा रोग यह कैसा हमको, नस नस में समाए।।
करो हमसे दिल की बात,हमारे समझो तुम जज्बात।।
हुई शुरुवात ,हुई शुरुवात,प्यार की पहली मुलाकात।।
राजेश व्यास अनुनय