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14 Jun 2024 · 1 min read

प्रेम

स्त्री प्रेम को स्वंत्रता मानती है,
परंतु
पुरुष प्रेम को बन्धन मानता है।

✍️ लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा

71 Views

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