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23 Dec 2023 · 1 min read

– स्त्री प्रकृति –

– स्त्री प्रकृति –
कोमल स्वभाव, चंचल मन,
सहनशीलता में जिसका नही कोई सानी है,
दुख वेदना सहकर भी जो नही विचलित हो जानी है,
त्याग तपस्या,समर्पण की प्रतिमूर्ति जो कहलाती,
मां पत्नी बेटी,बहु बनकर जो घर को रोशन कर जाती,
अपनो के दुख झेलकर अपनो के सपने जो सजाती,
रहती सदा जो प्रसन्नता में हो चाहे कितने भी दुख,
नारी जाति की यही प्रकृति,
स्त्री की इस प्रकृति से ही नारी इस जग में महान कहलाती,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
112 Views

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