स्कंदमाता
*स्कंद माता की स्तुति *
जय-जय स्कंद माता
जय-जय स्कंद माता, जग की तू माता,
तेरे चरणों में, शीश है झुकाता।
दिव्य स्वरूप तेरा, उज्जवल प्रकाश,
तू ही करती है, भवसागर का नाश।
तेरे अंक में, बैठा बालक स्कंद,
सभी संकटों को करता है बंद।
करुणा से भरती, हर भक्त का मन,
तेरी कृपा से कटते हैं बंधन।
चार भुजाओं में, शांति का वास,
मधुर मुस्कान से मिटते सब क्लेश।
कमल आसन पर, तू करती निवास,
तेरे दर पे आता, पाता सब विशेष।
माँ, तेरी महिमा अपरंपार,
तू ही करती दुःखों का संहार।
जो तुझे ध्याता, तेरा नाम गाता,
उसका भाग्य सदा चमक जाता।
सुख-समृद्धि से भरे उसके घर,
तेरी दया से मिटें सारे डर।
ओ माँ स्कंद, सुन ले हमारी पुकार,
तेरी शरण में, हर पल हैं तैयार।
जय-जय स्कंद माता, हे जग जननी।
तेरी कृपा से बने सुखमय जीवन धनी।
कलम घिसाई
इस स्तुति के माध्यम से, भक्त माँ स्कंद माता का आह्वान कर सकते ते हैं और उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना कर सकते हैं।