सौग़ात दिवाली होती है
तुम जो नहीं तो महफ़िल महफ़िल खाली खाली होती है।
जिस महफ़िल में तुम आ जाओ किस्मत वाली होती है।
आँखों की खिड़की पर खुशियों की झालर चमचम चमचम
दीद तुम्हारी रौनक वाली महफ़िल वाली होती है।
बेशकीमती प्यार तुम्हारा, मोल लगाना मुश्किल है,
मौसम मौसम पतझड़ पतझड़, पर हरियाली होती है।
मन मंदिर का दिया तुम्हारी यादों से जल उठता है,
सच कहता हूँ अब मेरी हर रात दीवाली होती है।
मंदिर मंदिर जगमग जगमग, धुंध मेरे अरमानों पर,
मगर तुम्हारी बातों की सौगात दीवाली होती है।
संजय नारायण