सौदा
?✒️जीवन की पाठशाला ??️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की संसार में कोई भी व्यक्ति सर्वगुण संपन्न नहीं होता इसलिए जहाँ तक संभव हो निभाइये …तोडना सबसे आसान है ,हाँ जब कोई आपके आत्मसम्मान के साथ ही खिलवाड़ करे तो फिर निर्णय सिर्फ आपकी अंतरात्मा का होना चाहिए …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान कई बार कई अनकहे कारणों से अपने अनुभव -अपनी योग्यता को दरकिनार करते हुए सस्ते दामों पर अपना सौदा कर लेता है पर हकीकत में ह्रदय से चाहते हुए भी वो अपना शत प्रतिशत वहां नहीं दे पाता और हमेशा एक सही -योग्य -उचित खरीददार की तलाश में रहता है जो उसके कार्य का उचित वाजिब मूल्यांकन कर सके -उसकी कार्यक्षेत्र को आगे बढ़ाने की सलाह मान सके ,स्वतंत्रता से कार्य अधिकार दे सके..तभी जाकर एक लम्बे समय का साथ चल पाता है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की साँसों के चलने और जिन्दा रहने में जमीन आसमान का फ़र्क़ है -बाहर की झूटी हंसी और अंदर की खिलखिलाहट में फ़र्क़ है -एक ही छत के नीचे रहने और अनकहे भाव -दर्द को समझने में बहुत फ़र्क़ है …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की कई बार आप अंदर ही अंदर इस कदर टूटते हैं की कतरा कतरा हो जाते हैं ,बाहर टूट कर इसलिए नहीं बिखरते की शोर मच जायेगा और किसी ने सही ही कहा है की दुनिया को ख़ास कर अपनों को कभी अपने आंसू ना दिखाएं वर्ना ये इनका सौदा करने से भी बाज नहीं आएंगे …!
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?