सोशियल मीडिया ।
सोशियल मीडिया? आखिर है क्या? क्या है इसका मतलब? सोशियल मीडिया यानि सामाजिक वार्तालाप का माध्यम,लेकिन जितनी असामाजिक बातें भारत में इस पर हो रही हैं,शायद और किसी देश में हो रही हों।आखिर क्यों हम अपनी ऊर्जा ज्ञान,प्रेम,सौहार्द सुख- दुःख के बजाय अज्ञान,अफवाह,घृणा और अन्धविश्वास फ़ैलाने में बर्बाद कर अपना और अपने देश की संस्कृति,परम्परा का सत्यनाश करने पर तुले हैं। बड़ी-बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों के मीडिया प्रभारी कितनी घटिया बातों पर उतर आयें हैं, सोचकर भी रूह कांप जाती है। क्या हम अपनी भावी पीढ़ि को यही सब विरासत में देने जा रहें हैं। नफरत और घटिया सोच? चुनावी राजनीति के लिये देश का समय ,जवानी बर्बाद मत करो! चुनाव जो भी जीते क्या फर्क पड़ता है,लेकिन नफरत का जहर फैलाने की इजाजत किसी को भी नहीं होनी चाहिये चाहे सत्ताधारी दल हो या बिपक्ष। ये देश सबका है,तेरा भी,मेरा भी,हिन्दू,मुसलमान, सिक्ख,इसाई सबका। जो इस माटी में पैदा हुआ और जिसने इसी माटी में मिल जाना है। हाँ उन देशद्रोहियों को छोड़कर जो इस देश के गरीबों की खून पसीने की कमाई लूटकर विदेश भाग जातें हैं।,,बलात्कारियों को मौत की सजा का कानून तो बन गया,इन लुटेरों को भी देशद्रोही घोषित कर सरेआम चौराहे पर फाँसी की सजा का कानून बनाओ ताकि इस देश के गरीबों का खून पसीना देश की उन्नति का मार्ग प्रसस्त करे नकि इनकी ऐशगाह का साधन बने!….जयहिंद ,,,