सोशल मीडिया
फेसबुक की गलियों में
वट्सऐप के बाजार में
स्टेटस, रील्स की दुकानों पर
इतनी चकाचौंध है कि
दृष्टि पर्याप्त नहीं
अंतर्दृष्टि से चलना होगा
जैसे हमारी दृष्टि
नहीं देख सकती
हमारा ही फेस
बिना किसी उपादान के
और उपादान-
दृष्टिहीन करने के हैं
तो अपनी अंतर्दृष्टि खोलो
आप महसूसोगे-
आपको कौन चला रहा है?
आपका फोन चला रहा है।
पंंकज बिंदास