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31 Jul 2021 · 1 min read

सोशल मीडिया झूठ वैमनस्य हिंसा भड़काने का हथियार बन गया

सोशल मीडिया अपनी बात, दूसरों तक पहुंचाने में बड़ा मददगार है
लेकिन झूठ वैमनस्य हिंसा, भड़काने का भी हथियार है ?
सोचे समझे एजेंडे चलाने में, बहुत होशियार है होशियार लोग अपने मंसूबे, पूरे करते हैं
कभी-कभी आमजन, बेवकूफ बनते हैं
क्या इसका दुरुपयोग प्रतिबंधित नहीं होना चाहिए? क्या इसकी भी निरंकुशता पर अंकुश नहीं लगना चाहिए? पक्षपाती या एजेंडों पर, रोक नहीं होना चाहिए ?

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 163 Views
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