सोशल मीडिया का दौर
ऐसे आदमियत का गला घोंटकर
आखिर मज़हब को कैसे बचा लोगे?
तहज़ीब को सुर्ख़ करने के फेर में
तुम उसे और दाग़दार बना दोगे!
रात का गुनाह सुबह होते ही
आ जाएगा सबके सामने!
अब इस सोशल मीडिया के दौर में
तुम कब तक सच्चाई को छिपा लोगे?
Shekhar Chandra Mitra