Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2020 · 1 min read

सोलह दूनी आठ।

प्यारे प्रियतम प्रेममय, पढ़ो प्रेम का पाठ।
मुझे समझ आता नहीं,सोलह दूनी आठ।।

कौन पढ़ाये आपको,सोलह दूनी आठ।
उम्र साठ की हो गई, रहा नहीं वो ठाठ।।

प्रेम पढाता है जिसे, उलटे-सीधे पाठ।
उसे समझ में आ गया, सोलह दूनी आठ।।

रूप वती मनमोहिनी,जाने जादू पाठ।
प्रेमी गण पढ़ने लगे, सोलह दूनी आठ।

जब से आई संगिनी, बना हुआ हूँ काठ।
लिखा हुआ है भाग्य में, सोलह दूनी आठ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 334 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all
You may also like:
वर्तमान समय में महिलाओं के पुरुष प्रधान जगत में सामाजिक अधिकार एवं अस्मिता हेतु संघर्ष एक विस्तृत विवेचना
वर्तमान समय में महिलाओं के पुरुष प्रधान जगत में सामाजिक अधिकार एवं अस्मिता हेतु संघर्ष एक विस्तृत विवेचना
Shyam Sundar Subramanian
ख़ामोशी फिर चीख़ पड़ी थी
ख़ामोशी फिर चीख़ पड़ी थी
अरशद रसूल बदायूंनी
अपना पीछा करते करते
अपना पीछा करते करते
Sangeeta Beniwal
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
*जीवन के संघर्षों में कुछ, पाया है कुछ खोया है (हिंदी गजल)*
*जीवन के संघर्षों में कुछ, पाया है कुछ खोया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मई दिवस
मई दिवस
Neeraj Agarwal
न मुझको दग़ा देना
न मुझको दग़ा देना
Monika Arora
कई खयालों में...!
कई खयालों में...!
singh kunwar sarvendra vikram
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
Sunil Maheshwari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
Nilesh Premyogi
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
एक नज़र से ही मौहब्बत का इंतेखाब हो गया।
Phool gufran
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
उम्दा हो चला है चाँद भी अब
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वो बचपन की अमीरी,
वो बचपन की अमीरी,
Ranjeet kumar patre
हो अंधेरा गहरा
हो अंधेरा गहरा
हिमांशु Kulshrestha
ओवर पजेसिव :समाधान क्या है ?
ओवर पजेसिव :समाधान क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
"हां, गिरके नई शुरुआत चाहता हूँ ll
पूर्वार्थ
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
लगाओ पता इसमें दोष है किसका
gurudeenverma198
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
पटकथा
पटकथा
Mahender Singh
तस्वीर!
तस्वीर!
कविता झा ‘गीत’
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
तुम बिन
तुम बिन
Dinesh Kumar Gangwar
3975.💐 *पूर्णिका* 💐
3975.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
What a wonderful night
What a wonderful night
VINOD CHAUHAN
रंग है खुबसूरत जज्बातों का, रौशन हर दिल-घर-द्वार है;
रंग है खुबसूरत जज्बातों का, रौशन हर दिल-घर-द्वार है;
manjula chauhan
हिकारत जिल्लत
हिकारत जिल्लत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"मैं और तू"
Dr. Kishan tandon kranti
!! ये सच है कि !!
!! ये सच है कि !!
Chunnu Lal Gupta
वर्षों पहले लिखी चार पंक्तियां
वर्षों पहले लिखी चार पंक्तियां
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...