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25 Jun 2024 · 1 min read

सोने के सुन्दर आभूषण

गीतिका
~~~
सोने के सुन्दर आभूषण, जब चमकें हर ओर।
इनके आकर्षण में दुनिया, होती भाव विभोर।

कनक भवन की शान निराली, हर मन लेती मोह।
मूल्यवान रत्नों से इसका, मंडित है हर छोर।

स्वर्ण बदल देता आया है, जगह जगह इतिहास।
बेबस हो जाती है सत्ता, चले न कोई जोर।

सोने के सिक्कों की देखो, खनक बहुत है तेज।
इसी चाह में खूब मच रहा, सभी जगह है शोर।

मोह और माया का बन्धन, पकड़ बहुत मजबूत।
इसके कारण स्नेह भाव की, टूट रही है डोर।
~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, २५/०६/२०२४

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