सोने की बालियाँ!!
यारो देते रहो चाहे हमको गालियाँ!
आबाद रहे महफ़िल, बजती रहें तालियाँ!
लहरायें खेतोँ में यूँ ही मेहनत तुम्हारी
खड़ी फसलों में चमके सोने की बालियाँ!!
यारो देते रहो चाहे हमको गालियाँ!
आबाद रहे महफ़िल, बजती रहें तालियाँ!
लहरायें खेतोँ में यूँ ही मेहनत तुम्हारी
खड़ी फसलों में चमके सोने की बालियाँ!!