सोने की चिड़िया
भारत: ** सोने की चिड़िया **
जो बीत गया ना मलाल कर
उन पूर्वजों से ना सवाल कर
उठा हाथों में तू अब फावड़ा
अपने देश को मालामाल कर
फिर एक बार विचार कर
बाजुओं को आधार कर
ले मन में आज ठान तू
देश का अब उद्धार कर
वस्त्र झूठ का उतार कर
तू सत्य की राह पार कर
संस्कृति को मान दे पुन:
स्व संस्कार से प्यार कर
अर्पण माँ को जान कर
तात का तू सम्मान कर
जान कुटुंब का अर्थ तू
राष्ट्र का गुन – गान कर
हर पड़ोसी को भाई कह
हरेक स्त्री को “माई” कह
छोड़ बहु-बेटी-बहनों को
निज स्त्री को लुगाई कह
मन से तू खोट निकाल दे
तन में तू सद्भाव डाल दे
कुविचार को तू त्याग कर
कीर्ति का उड़ा गुलाल दे
चिड़िया माटी का बनाकर
जादू उसपे अपना चलाकर
विश्व के समक्ष रख दे पुन:
भारत को तू सोना बनाकर
===मौलिक====
दिनेश एल० “जैहिंद”
08. 08. 2018