सोनपरी की आंखों में (लोरी)
निंदिया रानी गुपचुप आना सोनपरी की आंखों में
स्वप्न सलोने खूब सजाना सोनपरी की आंखों में
सपनों की डोली में उसको चंदा से मिलवा देना
परियों की दुनिया की भी तुम सैर उसे करवा देना
थक जाये जब मेरी गुड़िया देना हौले से थपकी
और कहीं जाकर छिप जाना सोनपरी की आंखों में
इसकी रातों को फूलों की खुशबू से महका देना
मीठी मीठी नींद सुलाकर बुलबुल सा चहका देना
झरने देना आंखों से कितने भी खुशियों के मोती
गम के पर आँसू मत लाना सोनपरी की आंखों में
सुंदर कोमल नाजुक सी ये लगती राजकुमारी है
प्यारी प्यारी इस गुड़िया में बसती जान हमारी है
कभी निराशा के अंधेरे मन में मत घिरने देना
आशाओं के दीप जलाना सोनपरी की आंखों में
11-3-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद