Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 1 min read

सोच

सोच
सोच आती है तो कभी जाती है,
कभी अच्छी तो कभी बुरी ,
कभी वैज्ञानिक , तो कभी दार्शनिक
कभी संकीर्ण, तो कभी विराट ….।
सोच कभी लेकर आती है,
समुंदर की लहरों सा ज्वार,
तो कभी बुझ चुकी आग सी ठंडक
कभी आकाश सी अनंत ऊंचाई
तो कभी पाताल सी अथाह गहराई…।
सोच कभी बदल देती है ,
इंसान का भूत ,वर्तमान या भविष्य
सोच आती है शून्य के समान
कभी ना खत्म होने वाली अबूझ पहेली
सोच जिसका न आदि है न अंत है
सोच आती है तो कभी जाती है
कभी अच्छी तो कभी बुरी।
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी

2 Likes · 90 Views

You may also like these posts

मुरली कि धुन,
मुरली कि धुन,
Anil chobisa
- प्रेम के पंछियों को सिर्फ प्रेम ही दिखता है -
- प्रेम के पंछियों को सिर्फ प्रेम ही दिखता है -
bharat gehlot
बे-असर
बे-असर
Sameer Kaul Sagar
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
होली पर बस एक गिला।
होली पर बस एक गिला।
सत्य कुमार प्रेमी
अपना सम्मान हमें ख़ुद ही करना पड़ता है। क्योंकी जो दूसरों से
अपना सम्मान हमें ख़ुद ही करना पड़ता है। क्योंकी जो दूसरों से
Sonam Puneet Dubey
अध्यापक
अध्यापक
Sakhi
आपके लबों पे मुस्कान यूं बरकरार रहे
आपके लबों पे मुस्कान यूं बरकरार रहे
Keshav kishor Kumar
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
भए प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
Shashi kala vyas
'नशा नाश का कारण'
'नशा नाश का कारण'
Godambari Negi
तमन्ना है तू।
तमन्ना है तू।
Taj Mohammad
8. Rainbow
8. Rainbow
Ahtesham Ahmad
हाय हाय पैसा
हाय हाय पैसा
अवध किशोर 'अवधू'
पल्लव से फूल जुड़ा हो जैसे...
पल्लव से फूल जुड़ा हो जैसे...
शिवम "सहज"
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
*मिठाई को भी विष समझो, अगर अपमान से आई (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बारिश की बूंदे
बारिश की बूंदे
Praveen Sain
काश कुछ ख्वाब कभी सच ही न होते,
काश कुछ ख्वाब कभी सच ही न होते,
Kajal Singh
मन मौजी मन की करे,
मन मौजी मन की करे,
sushil sarna
#स्मृतिमंजूषा से दो मोती
#स्मृतिमंजूषा से दो मोती
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
2507.पूर्णिका
2507.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"जिनकी कलम से"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल होती है।
ग़ज़ल होती है।
दीपक झा रुद्रा
~~~~~~~~~~~~~~
~~~~~~~~~~~~~~
Hanuman Ramawat
आचार्य पंडित राम चन्द्र शुक्ल
आचार्य पंडित राम चन्द्र शुक्ल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )-
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )- " साये में धूप "
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मुक्तक
मुक्तक
Abhishek Soni
जाल मोहमाया का
जाल मोहमाया का
Rekha khichi
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
आखिरी जीत
आखिरी जीत
Heera S
Loading...