सोच समझकर
सोच समझकर जो करे उसे प्यार नहीं कहा जाता
जिस्म की भूख औ हवस को प्यार नहीं कहा जाता
प्यार पाकीजा इबादत साँ हो उसे यूँ बदनाम न कर
सच्ची मोहब्बत हो तो फिर जिस्म काम नहीं आता
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)
इंस्टा:- / @n.ksahu0007