*सोच-विचार*
जीवन के हर पहलू पर करिए सोच-विचार
पथ है ये कांटों का तुम रहना होशियार
जग में तुम हर इक पग रखना सम्भल-सम्भल
फूलों सी है ज़िंदगी करो न इसको ख़ार
धर्मेन्द्र अरोड़ा
जीवन के हर पहलू पर करिए सोच-विचार
पथ है ये कांटों का तुम रहना होशियार
जग में तुम हर इक पग रखना सम्भल-सम्भल
फूलों सी है ज़िंदगी करो न इसको ख़ार
धर्मेन्द्र अरोड़ा