सोच तो थी,
सोच तो थी,
रावण की बुराइयों को मारने की।
पर बहुतों ने रावण को मार कर,
उसकी बुराईयांँ ही अपना ली।
………….✍️योगेन्द्र चतुर्वेदी
सोच तो थी,
रावण की बुराइयों को मारने की।
पर बहुतों ने रावण को मार कर,
उसकी बुराईयांँ ही अपना ली।
………….✍️योगेन्द्र चतुर्वेदी